गैस भरवाने वाली महिलाओं के खातों में सीधे सब्सिडी राशि डाली जाएगी। यानि गैस के रेट कितने भी कम या ज्यादा क्यों न हों, बहनों को सिर्फ 450 रुपये ही चुकाने होंगे।
आपको बता दें कि पिछले महीने ही मुख्यमंत्री ने इस योजना की घोषणा की थी। मध्य प्रदेश में महिलाओं को 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने की योजना शुरू हो गई। बुधवार शाम को शासन ने आदेश जारी कर दिया। लाड़ली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की हितग्राही महिलाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा। इन्हें हर महीने सिर्फ 450 रुपये में एक एलपीजी गैस सिलेंडर मिलेगा। साल में सिर्फ 12 सिलेंडर ही 450 में मिलेंगे।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया कि अब सरकार, गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने वाली तेल कंपनियों से पात्र नामों पर मिले कनेक्शन की जानकारी इकट्ठा करेगी। जिन जगहों से महिलाओं ने लाड़ली बहना योजना का फॉर्म भरा था, उन्हीं जगहों में जाकर अब वे गैस सिलेंडर कनेक्शन, बैंक खाते आदि की जानकारी जमा करेंगी।सभी के आधार कार्ड नंबर हैं। उज्जवला योजना में जो लाभार्थी हैं, आधार कार्ड नंबर मैच होने पर लाड़ली बहनाएं तय हो जाएंगी। इन्हें अगले 15 दिनों में चिह्नित किया जाएगा। इस योजना से सरकार को सालभर में करीब 1200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 1 करोड़ 31 लाख लाड़ली बहना हैं, वहीं, 82 लाख कनेक्शन उज्जवला योजना के हैं। उज्जवला योजना की अधिकांश हितग्राही लाड़ली बहना योजना के लिए पात्र हैं। उज्जवला गैस सिलेंडर पर केंद्र सरकार अभी 200 रुपए की सब्सिडी दे रही है। महिलाओं को अभी यह सिलेंडर 750 रुपए में मिल रहा है। अब मध्य प्रदेश सरकार इसे 450 रुपए में देगी तो राज्य को 300 रुपए प्रति सिलेंडर सब्सिडी डालना होगा।
विभाग द्वारा इसको लेकर एक आवेदन फार्मेट भी जारी किया गया है। इसमें महिला आवेदक से यह सहमति ली जाएगी कि योजना के अंतर्गत उससे आधार नम्बर लिया जा रहा है। जिसका उपयोग सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए किया जाएगा। इसमें ऑयल कम्पनियों की सहमति भी ली जाएगी। यह आवेदन 450 रुपए में सिलेंडर लेने के लिए आवेदन करने वाली महिला को खुद करना होगा। उमराव ने स्टेट को आर्डिनेटर इंडियन ऑयल कारपोरेशन, जनरल मैनेजर भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन, जनरल मैनेजर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन, प्रबंध संचालक एमपी एसईडीसी को इस पर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।